पंचांग आपको बहुत कुछ देता है। इसे लेने के लिए आपको अपनी सोच व्यापक करनी होगी। यानी देता है सकारात्मकता और वैभव का असीम भंडार। पंचांग से आपको दिन के हर पहर की जानकारी मिलती है। इसके अनुरूप आप शुभ काम कर सकते हैं। यह काम आपको शुभ फल ही देते हैं। यहां तक की पंचांग बता है कि दिन का कौन-सा अशुभ है। यानी नकारात्मकता से बचते हैं।
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आज का पंचांग
- ⛅ दिनांक 03 जून 2021
- ⛅ दिन – गुरुवार
- ⛅ विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
- ⛅ शक संवत – 1943
- ⛅ अयन – उत्तरायण
- ⛅ ऋतु – ग्रीष्म
- ⛅ मास – ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – वैशाख)
- ⛅ पक्ष – कृष्ण
- ⛅ तिथि – नवमी 04 जून रात्रि 02:22 तक तत्पश्चात दशमी
- ⛅ नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद शाम 06:35 तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
- ⛅ योग – प्रीति 04 जून रात्रि 02:24 तक तत्पश्चात आयुष्मान्
- ⛅ राहुकाल – दोपहर 02:17 से शाम 03:57 तक
- ⛅ सूर्योदय – 05:57
- ⛅ सूर्यास्त – 19:16
- ⛅ दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
- ⛅ *व्रत पर्व विवरण –
- 💥 विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
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अशुभ मुहूर्त (Inauspicious Timings)
राहुकाल | दोपहर 02:03 पीएम से 03:47 पीएम तक |
यमगण्ड | सुबह 05:23 एएम से 07:07 एएम तक |
गुलिक काल | सुबह 08:51 एएम से 10:35 एएम तक |
दुर्मुहूर्त काल | सुबह 10:01 एएम से 10:56 एएम तक तत्पश्चात दोपहर 03:34 पीएम से 04:29 पीएम तक |
वर्ज्य | सुबह 5:04 एएम से 06:49 एएम तक (4 जून) |
पंचक | पूरा दिन |
पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार ‘चन्द्र रेखांक’ को ‘सूर्य रेखांक’ से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।

वास्तु शास्त्र
कुछ लोगों के घरों में बाहर गार्डन एरिया के लिये जगह नहीं होती तो वे घर के अंदर ही छोटे साइज का वॉटरफॉल या फाउंटेन लगवा सकते हैं। आप इसे घर के ड्राइंग रूम में भी लगवा सकते हैं। घर के अंदर फाउंटेन लगवाने के लिये उत्तर-पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए। इससे घर-परिवार में हमेशा तरक्की के रास्ते खुले रहते हैं। पृथ्वी के पांचों तत्वों में से एक जल भी है। इन सबमें संतुलन बना कर रखना जीवन के विकास के लिए बहुत आवश्यक होता है और घर में फाउंटेन जल तत्व को बढ़ावा देता है। बहते पानी को देखकर तनाव से घर में घुसा व्यक्ति भी आनन्नदित हो जाता है, उसमें पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
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