Aaj Ka Panchang 02 June Wed, आज शुभ कार्य 12.37 pm से 2.17 pm में नहीं करें

पंचांग कोई अंधविश्वास नहीं है। यह आपको हर दिन के हर पहरों की घड़ियों से रूबरू कराता है। आपको सचेत करता है कि कौन-सा पहर शुभ है या अशुभ, पंचक कब लग रहे हैं, उजला पक्ष या अंधेरा पक्ष…..जैसी तमाम बातें। इन्हें जान आप कई भी कार्य के लिए अग्रसर हो सकते हैं। हर बार आप पंडित नहीं मिल पाता। ऐसे में पंचांग की जानकारी आपको होनी चाहिए, ताकि दिन-त्योहार पर रीति-रिवाज़ समय पर निभाए पाएं।

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आज का पंचांग

  • ⛅ दिनांक 02 जून 2021
  • ⛅ दिन – बुधवार
  • ⛅ विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
  • ⛅ शक संवत – 1943
  • ⛅ अयन – उत्तरायण
  • ⛅ ऋतु – ग्रीष्म
  • ⛅ मास – ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – वैशाख)
  • ⛅ पक्ष – कृष्ण
  • ⛅ तिथि – अष्टमी 03 जून रात्रि 01:13 तक तत्पश्चात नवमी
  • ⛅ नक्षत्र – शतभिषा शाम 05:00 तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
  • ⛅ योग – विष्कम्भ 03 जून रात्रि 02:27 तक तत्पश्चात प्रीति
  • ⛅ राहुकाल – दोपहर 12:37 से दोपहर 02:17 तक
  • ⛅ सूर्योदय – 05:57
  • ⛅ सूर्यास्त – 19:15
  • ⛅ दिशाशूल – उत्तर दिशा में
  • ⛅ व्रत पर्व विवरण – बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि 01:13 तक)
  • 💥 विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

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shiv parvati

नौकरी मिलने में समस्या

जिनको नौकरी नहीं मिलती या मिलती है पर छूट जाती है .. वे लोग शनिवार या मंगलवार या शनिमंगल दोनों दिन पीपल की परिक्रमा करें …हो सके तो अपने हाथ से जल..सादा जल हो उसमें थोड़े काले तिल और एकाध चम्मच गंगा जल डालदें ..वो पीपल में चढ़ा कर जप करते – करते परिक्रमा करें | थोड़ी देर बैठके ध्यान और प्रार्थना करें| आदित्य ह्रदय स्त्रोत्र का पाठ करें | फिर देखो उनकी नौकरी आदि की समस्या कैसे दूर होती है !!

जानें आज के नक्षत्र

शतभिषा सायं 04:59 पूर्वाभाद्रपदा। चंद्रमा 👉 कुम्भ राशि में। राहुकाल 👉 संभव हो तो दिन 12:24 से 02:05 तक शुभ कार्य न करें। दिन का पर्व ➡️ मास कालाष्टमी। पंचक ➡️ पंचक जारी है।

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radha rani and sri krishna
radha rani and sri krishna

श्रीमद्देवीभागवतमहापुरण

सूर्य से एक लाख योजन की ऊँचाई पर चंद्रमा स्थित हैं। चंद्रमा के स्थान से तीन लाख योजन ऊपर नक्षत्रमण्डल हैं, उससे दो लाख योजन ऊपर शुक्रग्रह तथा शुक्र से दो लाख योजन ऊपर बुध ग्रह है। बुध से दो लाख योजन ऊपर मंगल तथा उससे भी दो लाख योजन ऊपर बृहस्पति है। बृहस्पति से दो लाख योजन ऊपर शनि तथा शनि से ग्यारह लाख योजन ऊपर सप्तर्षिमण्डल है, ये सप्तर्षिगण ध्रुवलोक की प्रदक्षिणा करते हैं, जो उनसे तेरह लाख योजन ऊपर है। परमभागवत ध्रुव यहाँ विराजमान हैं। सूर्य से दस हजार योजन नीचे राहुमण्डल है, इससे नीचे सिद्धों, चारणों और विद्याधारकों के लोक हैं। इन लोकों से नीचे यक्षों, राक्षसों, भूत, प्रेत और पिशाचों के लोक है। इससे नीचे अंतरिक्ष और अंतरिक्ष से सौ योजन नीचे पृथ्वी है।