Side Effects Of Online Classes-ऑनलाइन पढ़ाई के दौर में बच्चों की ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रखना बेहद अहम हो गया है। सबसे बड़ी समस्या है आंखों से जुड़े रोगों के पनपने की। इस दौर में बच्चों को डिजिटल आई सिंड्रोम (Digital Eye Syndrome) घेर रहा है। जिसे रोकने के लिये डॉक्टर एक नया फॉर्मूला 20-20 अपनाने को कह रहे हैं।
20-20 का फार्मूला कारगर
नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक समस्या से बचने के लिए 20-20 का फार्मूला अपना चाहिए। 20 मिनट स्क्रीन पर देखने के बाद 20 फीट की दूरी पर कम से कम 20 सेकेंड तक देखना चाहिए। इससे आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है।

Side Effects Of Online Classes-सूख रही है आंसुओं की परत
कोरोना संक्रमण की वजह से स्कूल, कालेज और तकनीकी संस्थानों में आनलाइन पढ़ाई जारी है। छात्र-छात्राएं मोबाइल, टेबलेट, लैपटाप व कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह व्यवस्था संक्रमण काल में घर बैठे पढ़ाई के लिहाज से बेहतर है, लेकिन इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। अमूमन दो से तीन घंटे की ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों में डिजिटल आई सिंड्रोम की समस्या होने लगी है। उनकी पुतलियों के ऊपर आंसुओं की परत सूख रही है।
यह भी पढ़ें: Digital Attack on social media- बिल गेट्स, जेफ़ बेज़ोस, एलन मस्क समेत कई हस्तियों के Twitter अकाउंट हैक
Side Effects Of Online Classes

यह समस्या लगातार मोबाइल, लैपटाप, टेबलेट देखने से होती है। लाला लाजपत राय (एलएलआर)अस्पताल में रोजाना 15 से 18 केस डिजिटल आइ सिंड्रोम के आ रहे हैं। इनमें आधे से अधिक संख्या स्कूली छात्रों की होती है जबकि एक तिहाई संख्या इंजीनियरिंग, मेडिकल या अन्य विषयों के छात्रों की है। आंखों में जलन, दर्द, पानी आना, धुंधला दिखाई देना, नजर कमजोर होने की समस्या मिल रही है।
मोबाइल से ज्यादा दिक्कतें
पीजीआई चंडीगढ़ से रिटायर्ड नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मंगतराम डोगरा के मुताबिक बच्चों के साथ बड़ों को भी मोबाइल ऑनलाइन स्क्रीन से ज्यादा दिक्कतें हैं। कारण, एक तो उसका छोटा आकार है, दूसरा बच्चे पढ़ाई के साथ ही आनलाइन गेम खेलने या फिर कार्टून देखने लग जाते हैं। स्क्रीन के छोटे आकार की वजह से उनकी आंखों और पुतलियों पर ज्यादा असर पड़ता है।
यह भी पढ़ें: घुटने ज्यादा देर तक न मोड़ें, नहीं तो होगी यह समस्या
Side Effects Of Online Classes-एक तय दूरी रखें स्क्रीन से
जीएसवीएम मेडिकल कालेज की नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान ने बताया कि पढ़ाई करते समय मोबाइल, लैपटाप, टेबलेट की निश्चित दूरी होनी चाहिए। प्रारंभिक समस्या होने पर डाक्टरों को तुरंत दिखाना चाहिए।