भारत सरकार के आंकड़े के मुताबिक देश के करीब साढ़े छह लाख शहरों ओर गांवों में से 704 के नाम पहले छह मुगल शासकों बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब के नाम पर हैं। 1526 में पानीपत की लड़ाई के बाद मुगल राज की स्थापना हुई। बीच में 14 साल के लिए शेरशाह सूरी ने भी शासन किया। लेकिन आप देखेंगे कि शेरशाह सूरी के नाम पर गांव या शहरों के नाम नहीं है। जबकि अकबर के नाम पर देश में 251 गांवों के नाम हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में ही 396 गांवों के नाम मुगल शासकों के नाम पर हैं। ये नाम हैं अकबरपुर, और औरंगाबाद, हुमायूंपुर और बाबरपुर । इनके अलावा अकबर निवास खांडरका और दामोदरपुर शाहजहां भी हैं। भारत सरकार के ही आंकड़े के मुताबिक देश में लगभग 70 अकबरपुर, 63 और औरंगाबाद हैं। सबसे मशहूर औरंगाबाद महाराष्ट्र में है। शिवसेना और भाजपा नेता इसके नाम को भी बदलने की मांग करते रहे हैं। भारत सरकार के ही आंकड़े के मुताबिक देश में बाबर के नाम पर 61, हुमायूं के नाम पर 11, अकबर के नाम पर 251, जहांगीर के नाम पर 141, शाहजहां के नाम पर 63 और औरंगजेब के नाम पर 177 गांवों या शहरों के नाम है। इसमें 392 उतर प्रदेश, 97 बिहार, 50 महाराष्ट्र , 38 हरियाणा, नौ आंध्र प्रदेश, तीन छतीसगढ़, 12 गुजरात, चार जम्मू-कश्मीर, तीन दिल्ली, 22 मध्य प्रदेश, 27 पंजाब, चार ओडीशा, नौ पश्चिम बंगाल, 13 उत्तराखंड और 20 राजस्थान में हैं।
वैसे नाम बदलने का भारत में इतिहास बहुत पुराना है। कई मध्यकालीन शासकों ने शहर बसाए, खासकर मुसलमान शासकों ने अपने बाप-दादों से लेकर खुद तक के नामों पर शहरों के नाम बदले। दिल्ली सल्तनत के इतिहास में बेवकूफ शासक के तौर पर पहचाने जाने वाले मुहम्मद बिन तुगलक ने जब राजधानी को दिल्ली से ले जाकर देवगिरी में स्थापित किया था, तो उसने देवगिरी का नाम बदल कर दौलताबाद कर दिया। तब से लेकर अब तक यह शहर दौलताबाद के ही नाम से जाना जाता है। इसी तरह से गुजरात के शहर अहमदाबाद का नाम पहले कर्णावती था। जब अहमदशाह ने यहां का शासन संभाला तो इसका नाम बदलकर अहमदाबाद कर दिया। इस मामले में शेरशाह सूरी का रवैया दूसरा रहा। उन्होंने जीटी रोड तो बनवाया, लेकिन उसे अपने नाम पर नहीं रखा।
इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बार में कहा जाता है कि इसका प्राचीन काल में लक्ष्मणपुर नाम था, जो बाद में लखनपुर के नाम से जाना जाने लगा। कहा जाता है कि अयोध्या के राजा भगवान रामचंद्र ने लक्ष्मण को लखनऊ भेंट किया था। लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना नवाब आसफउद्दौला ने 1775 ई.में की थी। आए दिन इसका भी नाम बदलने की मांग होती रहती है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मारकंडेय काटजू ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को एक लिस्ट दी, जिसके मुताबिक राज्य के अठारह शहरों के नाम मुगलकाल में बदले गए थे। इस सूची के मुताबिक अलीगढ़ का पुराना नाम अश्वथामा नगर, आगरा का पुराना नाम अगस्त्य नगर, गाजीपुर का पुराना नाम गणेशपुर, शाहजहांपुर का पुराना नाम सुग्रीवपुर था। काटजू ने हालांकि यह मांग व्यंग्य में की है। उन्होंने एक तरह से इलाहाबाद के नाम के बदलाव का विरोध ही किया है। वैसे अब बिहार की राजधानी पटना के पास स्थित बख्तियारपुर का नाम बदलकर नालंदा के नाम पर रखने की मांग हो रही है।